Dhat Rog Se Bachne Ke Liye Kya Karna Chahiye?
धातु रोग(Spermatorrhea)-
धात गिरना या धातु रोग पुरूषों में पायी जाने वाली एक वीर्य विकार समस्या है। धातु गिरने की समस्या में अनैच्छिक रूप से मल-मूत्र के दौरान हल्का-सा दबाव देने पर भी वीर्य की कुछ बूंदे निष्कासित हो जाती हैं। इस रोग से पीड़ित व्यक्ति का वीर्य कोई अश्लील फिल्म, दृश्य देखने से या फिर किसी सुंदर स्त्री के स्पर्श या फिर बातों के समय में उत्तेजना आने पर भी थोड़ी-थोड़ी मात्रा में रिसता रहता है, जिस कारण लिंग के मुखाने पर चिपचिपाहट बनी रहती है। यह रोग अधिकतर तभी व्यक्ति को सताता है, जब उसकी मानसिकता अधिक अश्लील व कामुता से लीन होती है या फिर यौन संबंधी बुरी लत के कारण ज्यादा प्रभाव डालती है। इस रोग के कारण पुरूष को अपनी सेक्स इच्छा के दमन के साथ-साथ और भी कई प्रकार की सेक्स समस्याओं से जूझना पड़ सकता है।
इसलिए इस रोग से बचना चाहिए, ताकि यह सब समस्या आपको ना झेलनी पड़े। इस रोग से दूर रहने के लिए आपको अपनी अत्यधिक कामुक और मानिसकता वाले विचारों को खत्म करना होगा। इसके अलावा स्वस्थ और स्वच्छ दिनचर्या को अपनी जिदंगी में शामिल करना होगा।
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धातु रोग में किये जाने वाले जरूरी परहेज-
इस लेख में धातु रोग से बचने के लिए कुछ परहेज बताये जा रहे हैं, जोकि घरेलू उपाय हैं। इनका अनुसरण करें और लाभ उठायें।
1. इस रोग से बचना है तो सबसे जरूरी है कि हस्तमैथुन से दूर रहें। और हस्तमैथुन से दूर रहने के लिए अश्लीलता के दायरे से बाहर आइये। खुद को पोर्न, अश्लील साहित्य, दृश्य व बुरी संगति से बचायें। हस्तमैथुन पर काबू पा लिया तो समझें धातु रोग पर नियंत्रण पा लिया।
2. शुद्ध, ताजा और पौष्टिक आहार लेना चाहिए, ताकि व्यक्ति का प्रजनन तंत्र स्वस्थ बना रह सके। अतः अपने खान-पान पर ध्यान देना बहुत जरूरी है।
3. प्रतिदिन नियमानुसार पूरे शरीर की अच्छे से चम्पी(मालिश) करनी चाहिए। इससे शरीर की थकावट दूर तो होती ही है, साथ ही शरीर में रक्त संचार को सुचारू रूप से चलाने में मदद करता है और धात रोग के लक्षणों को कम करने में भी भरपूर सहायता प्रदान करता है।
Dhat Rog Se Bachne Ke Liye Kya Karna Chahiye?
4. धातु रोग से पीड़ित व्यक्ति को एकदम शरीर को कसने वाले यानी टाईट वस्त्र नहीं पहनने चाहिए। अंडरवियर तो बिल्कुल भी नहीं पहनना चाहिए, इससे लिंग विकार के साथ-साथ अंडकोष भी प्रभावित होते हैं, जिनसे वीर्य विकार उत्पन्न हो सकता है।
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5. रात को सोने से पहले भली-भांति शीतल जल(ठंडे पानी) से नहाना चाहिए। यह उपाय करने से पीड़ित को अंदरूनी और बाहरी रूप से ताजगी का एहसास होगा और उसके अंदर शुद्ध विचारों का निर्माण होगा, जिस कारण नींद भी बहुत जल्द और अच्छी आयेगी।
6. धातु रोग से पीड़ित लोगों को कोशिश करनी चाहिए रात को जब भी सोने जायें तो उससे पहले काई धार्मिक विचारों वाली बातें सुनें, धार्मिक व प्ररेणात्मक किताबें पढ़ें और अच्छी और भलाई युक्त वीडियो देखें। ताकि मन में बुरे विचारों का साया न रह सके और मन का शुद्धिकरण हो सके।
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