Dhat Girne Ki Samasya Ko Ayurved Se Kaise Kare Dur
धात गिरने की समस्या को आयुर्वेद से कैसे करें दूर
धातु रोग(Spermatorrhea)
धातु गिरना व धात जाना ये एक ऐसी समस्या है जिसमें मलत्याग व मूत्र के दौरान हल्का सा दबाव बनाने पर मूत्र के साथ अनैच्छिक रूप से वीर्य की कुछ मात्रा निकल जाती है। धातु रोग को अंग्रेजी भाषा ैचमतउंजवततीमं भी कहा जाता है। अनियमित दिनचर्या व असंयमित खानपान की वजह से ये समस्या एक सामान्य सी बात हो गई है। इसी प्रकार और भी कई कारण हैं, जो इस रोग के लिए बाध्य हैं। खासकर युवा पीढ़ी गलत संगत व बुरी विचारों के अधीन होकर कई प्रकार की गलत सेक्सुअल एक्टिविटी में पड़ने लगे हैं और अप्राकृतिक तरीके से अपनी जवानी वा ताकत नष्ट कर रहे हैं।
धातु गिरने की समस्या से अगर आप भी हताश और दुखी हैं तो ये हिंदी लेख आपके लिए हो सकता है काफी मददगार, क्योंकि हम आपको बता रहे हैं धातु गिरने की समस्या के लिए कुछ आसान से देसी उपयों के बारे में..
आप यह आर्टिकल dhatrog.com पर पढ़ रहे हैं..
धातु रोग को समाप्त करने के लिए देसी प्राकृतिक उपाय-
आंवले-
दो चम्मच आंवले का रस शहद के साथ सेवन करें। ऐसा रोजाना आप सुबह के समय बिना कुछ खाये यानी खाली पेट करें। ये उपाय करने से धातु पुष्ट होती है और गाढ़ी होती है। या फिर आप आंवले के चूर्ण को दूध के साथ भी ले सकते हैं। यह नुस्खा भी धातु रोग में बहुत ही कारगर है।
तुलसी-
तुलसी भी एक बहुत ही उत्तम उपाय है धातु रोग में। इसके लिए आपको करना ये है कि तुलसी की जड़ को अच्छे से सुखा लें और जब ये सूख जाये इसका बारीक चूर्ण बना लें। अब इस तैयार चूर्ण की एक ग्राम मात्रा में एक ही ग्राम अश्वगंधा का चूर्ण मिला लें और सेवन करें। इसके बाद ऊपर से दूध पीयें। गजब का उपाय है, जल्दी लाभ दिखाई देगा।
भिंडी का चूर्ण-
यूं तो हर घर में भिंडी खाने के रूप में प्रयोग की जाती है, मगर आपको बता दें कि भिंडी में ऐसे गुण भी विद्यमान होते हैं, तो पुरूषों में ढीली कमजोर नसों को बला की ताकत प्रदान करता है और स्तम्भन शक्ति को भी बढ़ाता है। स्तम्भन शक्ति जितनी बलवती होगी, वीर्य को अंदर ही रोके रखने की क्षमता भी उतनी ही अधिक होगी। भिंडी के एक चम्मच चूर्ण को गर्म दूध के साथ प्रतिदिन रात्रि में पीयें, जल्दी फायदा पहुंचता है।
शतावरी की जड़-
शतावरी की जड़ के 20 ग्राम पाउडर को एक ग्लास दूध में उबाल करके छान लीजिए। ये दूध रोजाना रात को सोने से पहले पी लीजिए। हो सके तो सुबह भी पीयें। इससे आपका धात रोग और मर्दाना कमजोरी जल्दी दूर हो जायगी। और आपमें नवशक्ति का संचार होगा।
Dhat Girne Ki Samasya Ko Ayurved Se Kaise Kare Dur
यह भी पढ़ें- संभोग
हींग और इलायची-
मूत्र त्याग के दौरान वीर्य स्राव होता है, तो आप यह उपाय करें। हींग लें और पहले इसे सेंक ले और सेंकने के बाद इसको इलायची के दाने के साथ मिलाकर लगभग तीन ग्राम चूर्ण की मात्रा तैयार कर लें। फिर इस चूर्ण को घी और दूध के साथ मिलाकर पी जायें। कुछ ही हफ्तों मूत्र के साथ धातु जाने की समस्या से छुटकारा मिल जायेगा।
उड़द की दाल-
उड़द की दाल को भली-भांति पीसकर यदि इसे खांड के साथ भून लें और इसे खांड में मिश्रित करके सेवन किया जाये, तो भी कमाल का असर शीघ्र ही प्राप्त हो जाता है।
शहद और अदरक-
शहद और अदरक बहुत ही गुणकारी चीजें हैं। इनके सेवन से पुरूष के कई रोग जैसे- नामर्दी, मर्दाना कमजोरी, वीर्य प्रमेह इत्यादि में बहुत आराम मिलता है। यह धातु रोग को नष्ट करने में भी बहुत असरकारी है। इसके लिए पहले अदरक का पेस्ट बना लें और दूध में डालकर उबाल लें। इस दूध को छान कर इसमें शहद मिलाकर पीयें।
सेक्स समस्या से संबंधित अन्य जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक करें..